नई दिल्ली. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अन्ना हजारे के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। लेकिन अन्ना हजारे के वकील मिलिंद पवार का कहना है कि अन्ना की ओर से अगले हफ्ते पुणे के कोर्ट में तिवारी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया जाएगा।
गुरुवार को संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में तिवारी ने कहा, "राजनीतिक संवाद के दौरान कई बार ऐसी बातें कही जाती हैं, जिससे अनजाने में भावनाएं आहत हो जाती हैं, तकलीफ या पीड़ा होती है। मुझे मालूम है कि हाल की मेरी बातों ने अन्ना हजारे को पीड़ा पहुंचाई है। उनसे मैं कहना चाहूंगा कि मुझे इसका दु:ख और पश्चाताप है।"
तिवारी ने कहा कि वह अन्ना के स्वास्थ्य को लेकर व्यक्तिगत तौर पर चिंतित हैं। उन्होंने अन्ना से अनशन तोड़ने की अपील करते हुए कहा, "लोकतंत्र में बातचीत के लिए हमेशा अवसर होता है।"
तिवारी ने 14 अगस्त को न्यायमूर्ति पी. बी. सावंत आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि अन्ना 'सिर से पावं' तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं। उनके इस बयान की कांग्रेस में भी आलोचना हुई थी। यह था विवादित बयान हम किशन बाबू राव हजारे उर्फ अन्ना से पूछना चाहते हैं कि कि तुम किस मुंह से भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन की बात करते हो। ऊपर से नीचे तक तुम भ्रष्टाचार से लिप्त हो। अन्ना समर्थकों ने तिवारी तक अपना विरोध पहुंचाने का नया व हाइटेक फार्मूला ढूंढ लिया था। उन्होंने तिवारी पर फेसबुक व एसएमएस अटैक कर दिया और तिवारी पर माफी मांगने के लिए नैतिक दबाव बनाया। इंडिया अगेनस्ट करप्शन व युनाइटेड यूथ ऑर्गेनाइजेशन के सदस्यों ने फेसबुक पर बुधवार को 'मनीष तिवारी जी से सॉरी टू अन्ना एंड होल इंडिया' नाम से पेज बना दिया, जिस पर अन्ना हजारे के समर्थक अपने कमेंट दे रहे हैं। आपकी राय
क्या मनीष तिवारी के माफ़ी मांग लेने के बाद यह मामला खत्म समझ लेना चाहिए? अपनी बात हमसे शेयर करें। Source: http://www.bhaskar.com/
No comments:
Post a Comment